संस्कारयुक्त शिक्षा से ही बच्चों में बहती है नैतिकता व मानवीय मूल्यों की धाराएं : अविनाश देव | Parent-Teacher Seminar



पलामू, प्रतिनिधि :
संत मरियम आवासीय विद्यालय ने रविवार को शहर के टाउन हॉल में 'अभिभावक-शिक्षक संगोष्ठी' का आयोजन किया। इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य बच्चों के सर्वांगीण विकास की दिशा में शिक्षकों और अभिभावकों के बीच तालमेल और संवाद को मज़बूत करना था। यह संगोष्ठी केवल एक औपचारिक बैठक नहीं थी, बल्कि यह बच्चों के भविष्य को गढ़ने की एक साझा कोशिश थी, जिसमें शिक्षा, संस्कार और रचनात्मकता को समान महत्व दिया गया।
विद्यालय के चेयरमैन श्री अविनाश देव ने अपने संबोधन में कहा, "शिक्षा सिर्फ अंक बटोरने का ज़रिया नहीं है, बल्कि यह एक ऐसा सागर है, जिसमें संस्कार, नैतिकता और मानवीय मूल्यों की धाराएं बहती हैं।" उन्होंने अभिभावकों से कहा कि वे अपने बच्चों को सिर्फ अकादमिक रूप से ही नहीं, बल्कि भावनात्मक और सामाजिक रूप से भी मज़बूत बनाने की अपेक्षा करें। उन्होंने कहा कि विद्यालय का लक्ष्य ऐसे छात्रों का निर्माण करना है जो न केवल सफल हों, बल्कि एक ज़िम्मेदार और नेक इंसान भी बनें।
वहीं प्राचार्य ने अभिभावकों से आग्रह किया कि वे बच्चों की प्रगति में सक्रिय रूप से शामिल हों। उन्होंने कहा, "जब अभिभावक और शिक्षक मिलकर काम करते हैं, तो बच्चे का विकास ज़्यादा प्रभावी होता है।" इस दौरान, अभिभावकों को बच्चों के व्यवहार, रुचि और शैक्षणिक प्रदर्शन से जुड़ी बारीकियाँ साझा करने के लिए प्रोत्साहित किया गया।
संगोष्ठी में भविष्य की योजनाओं पर भी चर्चा हुई। प्रबंधन ने बताया कि जल्द ही छात्रों के लिए विशेष कार्यशालाएं आयोजित की जाएंगी, जिनमें व्यक्तित्व विकास, सार्वजनिक भाषण और नेतृत्व कौशल जैसे विषयों पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। इसके अलावा, खेल प्रतियोगिताओं और सांस्कृतिक कार्यक्रमों को नियमित रूप से आयोजित करने का निर्णय लिया गया ताकि बच्चों को अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन करने का अवसर मिले।
संगोष्ठी में  कई अभिभावकों ने भी अपने विचार को साझा किया। 
मंच का संचालन शिक्षिका प्रियंका अग्रवाल व शुभांगी मिश्रा के द्वारा किया गया। उक्त मौके पर उप-प्राचार्य एस.बी. शाहा, प्रवीण दुबे, सुधांशु कुमार दुबे, रोशन राज, विकास विश्वकर्मा, ऋषि शर्मा समेत सभी शिक्षक- शिक्षिकाएं व सैकड़ो अभिभावक मौजूद थे।

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