पलामू, प्रतिनिधि : शहर में नगर निगम के ख़िलाफ़ आए दिन लोगो का गुस्सा बढ़ते जा रहा है। चाहे ओ निगम क्षेत्र में अव्यवस्था का मामला हो, नगर निगम के बिगड़े कार्यप्रणाली का या व्यवसाइयों से किराया वसूली का मामला हो। इन्ही सब बिंदुओं को लेकर युवा समाजसेवी आशीष भारद्वाज के नेतृत्व में पलामू व्यापार मंडल के अध्यक्ष श्रवण गुप्ता सदस्य गौरीशंकर गुप्ता आदि ने सुदिव्य कुमार सोनू (नगर विकास व आवास मंत्री झारखंड सरकार) से रांची में मुलाकात कर उन्हें सभी परिस्थितियों से अवगत कराया। आशीष भारद्वाज ने बताया कि नगर निगम के पदाधिकारी भूल चुके है कि उनका काम क्या है शहर का गली, नाली सब जर्जर है और ये टेंडर मैनेजमेंट और व्यवसाइयों के दोहन में लगे हुए है। उच्च न्यायालय, झारखंड के आदेश के आलोक में नगर विकास एवं आवास विभाग झारखंड सरकार के संयुक्त सचिव द्वारा 22/11/22 को मेदिनीनगर नगर आयुक्त को पूरे बाज़ार का किराया दर 4 रुपये प्रति वर्गफीट करने का आदेश दिया गया पर ना ही उस समय की निगम की बोर्ड ने ना ही नगर आयुक्त ने इस चिट्ठी का संज्ञान लिया। आज भी हमारे बाजार के दुकानदार भाईयों से 6 रुपया प्रति वर्गफीट ही किराया वसूला जाता है, जो हाईकोर्ट और झारखंड सरकार दोनों के आदेश का अवमानना है। हमारे मेहनत कश और शहर के निर्माण में लगे व्यवसाई बंधुओं को पहले चुने हुए जन प्रतिनिधियों ने परेशान किया अब ये पदाधिकारियों के दोहन का शिकार हो रहे है। इस मामले में हम अपने दुकानदार बंधुओं को अकेला नहीं छोड़ सकते है, ये ही हमारे शहर की रौनक है, हर परिस्थिति में हम इनकी लड़ाई लड़ेंगे। वही दूसरी ओर सभी नियमों को ताक पर रखकर नगर निगम अयोग्य संवेदकों को काम दिए जा रहा है, कार्य भी गुणवत्तापूर्वक नहीं हो रहा है। ऐसा प्रतीत होता है की नगर निगम के पदाधिकारी व्यक्ति विशेष के इशारे पर कार्य कर रहे है जो सरासर ग़लत है, इन कुकृत्य में संलिप्त पदाधिकारियों को हिसाब देना होगा। इन्ही सभी बातों से हमने माननीय मंत्री जी को अवगत करवाया, उन्होंने अपने विभाग को तुरंत आदेशित किया की इन सभी समस्याओं का जितना जल्द से जल्द हो सके निदान हो। वही व्यापार मंडल अध्यक्ष श्रवण गुप्ता ने बताया की बीते दिन हम सभी इन बिंदुओं को लेकर सहायक नगरआयुक्त से भी मिलने गए थे पर उन्होंने झारखंड सरकार द्वारा जारी चिट्ठी को मानने से इंकार कर दिया। हम व्यवसाइयों की परेशानियों को सुनने के बजाये वो रौब दिखाने लगे की शहर हमारा है, निगम के प्रॉपर्टी हमारे एसेट है हम जो किराया चाहे ओ किराया वसूलेंगे आदि आदि। उनके इस व्यवहार से हम व्यवसाई बहुत आहत हुए और आशीष जी के साथ हम सभी ने माननीय मंत्री महोदय से मुलाक़ात कर उन्हें शहर के सभी समस्याओं से अवगत करवाया। माननीय मंत्री जी ने हमारे समस्याओं को सुना और त्वरित समाधान हेतु विभाग को आदेशित किया।पहले हम व्यासाईयों को हमारे निगम के चुने प्रतिनिधियों ने संयुक्त सचिव के चिट्ठी को बोर्ड के माध्यम से लागू ना करके ठगा अब नगर निगम के पदाधिकारी का अव्यावहारिक रवैया। ये सरासर ग़लत है, अब हम इस तरह की कार्य प्रणाली को नहीं चलने देंगे।
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