नन्हे-मुन्ने बच्चों ने राधा-कृष्ण की वेशभूषा में झाँकियाँ प्रस्तुत कर पूरे परिसर को कृष्णमय कर दिया। ‘माखन चोर’ की नटखट लीलाओं को दर्शाते नृत्य और नाटिकाओं ने दर्शकों को भावविभोर कर दिया। वहीं दही-हांडी फोड़ने की प्रतियोगिता ने उत्सव में चार चाँद लगा दिए। भजनों और गीतों की मधुर ध्वनि से वातावरण भक्ति रस से सराबोर हो उठा।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए विद्यालय के चेयरमैन अविनाश देव ने कहा कि ऐसे पर्व बच्चों को अपनी संस्कृति एवं परंपराओं से जोड़ने का सशक्त माध्यम हैं। उन्होंने कहा कि भगवान श्रीकृष्ण का जीवन हमें कर्म, धर्म और प्रेम का संदेश देता है। विपरीत परिस्थितियों में भी सत्य और धर्म का साथ न छोड़ना ही उनका सबसे बड़ा उपदेश है। हमें भी जीवन में सही मार्ग चुनकर अपने कर्तव्यों का निष्ठापूर्वक पालन करना चाहिए।
इस अवसर पर विद्यालय के प्रधानाचार्य कुमार आदर्श, छात्रावास अधीक्षक उत्कर्ष देव, एडवोकेट ओंकार नाथ तिवारी, मनोज कुमार, विकास विश्वकर्मा, सुजीत कुमार, नृत्य प्रशिक्षक संतन कुमार, ईशा कुमारी, रितिक कुमार समेत विद्यालय परिवार के सभी सदस्य और सैकड़ों छात्र-छात्राएँ उपस्थित रहे।
कार्यक्रम बच्चों के लिए एक अविस्मरणीय अनुभव साबित हुआ, जिसने उनमें भारतीय संस्कृति और नैतिक मूल्यों के प्रति गहरी आस्था का संचार किया।
Tags
पलामू