एम.के.डी.ए.वी. में धूम-धाम से मनाया गया जनजातीय गौरव दिवस |M.K.D.A.V. public school


भगवान बिरसा मुंडा,श्री गुरु नानक देव एवं महात्मा नारायण दास ग्रोवर को छात्रों ने किया नमन

एम.के.डी.ए.वी. पब्लिक स्कूल डाल्टनगंज में तीन महापुरुषों भगवान बिरसा मुंडा, श्री गुरु नानक देव एवं महात्मा नारायण दास ग्रोवर जी की जयंती मनाई गई। विद्यालय की प्रातः कालीन प्रार्थना सभा में डी.ए.वी. पब्लिक स्कूल्स झारखंड क्षेत्र आई के सहायक क्षेत्रीय अधिकारी सह प्राचार्य एम.के.डी.ए.वी. पब्लिक स्कूल डाल्टनगंज डॉ. जी. एन. खान ने वरिष्ठ शिक्षकों के साथ वेद मंत्रोच्चार के बीच तीनों महापुरुषों के चित्र के समक्ष दीप प्रज्वलित कर एवं पुष्पार्चन कर इस कार्यक्रम का शुभारंभ किया। तत्पश्चात आठवीं ब के छात्र मोइनुद्दीन खान ने बिरसा मुंडा पर एक कविता प्रस्तुत किया।  X| B की छात्राएं प्राजंलि एवं मिस्टी प्रिया ने भगवान बिरसा मुंडा जी का जीवन परिचय, स्वतंत्रता आंदोलन में योगदान एवं जनजातीय संस्कृति के उत्थान पर विस्तृत चर्चा की । 

छात्रों को उद्बोधित करते हुए एम.के. डी.ए.वी.पब्लिक स्कूल झारखंड क्षेत्र आई के सहायक क्षेत्रीय अधिकारी सह प्राचार्य एम.के. डी.ए.वी. पब्लिक स्कूल डालटेनगंज डॉक्टर जी.एन. खान ने कहा कि भगवान बिरसा मुंडा ने जनजाति उत्थान एवं देश की आजादी हेतु अपना संपूर्ण जीवन समर्पित कर दिया था। उन्होंने अंग्रेजों का विरोध करते हुए 1897 में खूंटी थाने पर हमला बोला था और डोगरा पहाड़ी से आजादी का बिगुल बजाया था। उनका मुख्य नारा था " अबुआ दिशुम अबुआ राज। " 19 फरवरी सन 1900 को उन्हें चक्रधरपुर से गिरफ्तार कर रांची जेल लाया गया जहां सन 1909 में जनजातीय संस्कृति के गौरव एवं मां भारती के इस सच्चे सपूत ने अपनी आखिरी सांस ली । आज हम उन्हें नमन करते हुए श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं ।
डॉक्टर खान ने प्रथम सिख गुरु गुरुनानक देव जी को नमन करते हुए कहा कि आज देश में उनकी जयंती गुरु पर्व एवं प्रकाश पर्व के रूप में मनाई जा रही है।  श्री गुरु नानक देव जी सच्चे संत एवं समाज सुधारक थे । उन्होंने संगत - पंगत की रीत चलाकर सामाजिक वैमनस्यता को मिटाने का जो प्रयास किया , उससे देश की एकता , अखंडता और सामाजिक ताने-बाने को मजबूती मिली। 
 प्राचार्य महोदय ने बिहार,  झारखंड,उड़ीसा और उत्तर प्रदेश मे  डी.ए.वी. संस्थाओं के प्रणेता महात्मा नारायण दास ग्रोवर को भावपूर्ण स्मरण करते हुए कहा कि ग्रोवर साहब एक सच्चे आर्य समाजी, शिक्षाविद एवं पथ प्रदर्शक थे । उन्होंने अपने प्रयास से 200 से अधिक विद्यालयों को स्थापना कर शिक्षा जगत में क्रांति लाने का कार्य किया।  सादा जीवन एवं उच्च विचार की प्रतिमूर्ति ग्रोवर साहब ने चारों प्रदेशों के पिछड़े एवं आदिवासी क्षेत्रों में शैक्षणिक चेतना जागृत कर जन जीवन में बेहतर प्रगति का मार्ग प्रशस्त किया । इस अवसर पर विद्यालय के सभी शिक्षक, शिक्षिकाओं ने तीनों महापुरुषों को नमन करते हुए श्रद्धांजलि अर्पित किया।  कार्यक्रम का संचालन शिक्षिका श्रीमती सुदेशना राय ने किया एवं कार्यक्रम संयोजक शिक्षक श्री कन्हैया राय थें।

एक टिप्पणी भेजें

और नया पुराने