पलामू प्रमंडलीय मुख्यालय मेदिनीनगर के लगभग घरों के पेयजल श्रौत संपूर्ण रूप से सुख चुके है, पीने के पानी हेतु हर नगरवासी को घंटों संघर्ष करना पड़ रहा है। शहर के वार्ड न. 2 अघोर आश्रम पश्चिमी में लग़भग पंद्रह से बिस घर नाले के पानी को छानकर पीने को मजबूर है। ना ही उनका कोई टोह लेने वाला है, ना हाल पूछने वाला है और ना ही किसी को पेयजल व्यवस्था को समृद्ध करने में रुचि है। संपूर्ण सिस्टम फेल है, हुक्मरान मौज में है हमलोग त्रस्त है हमारे कंठ सूखे हुए है लेकिन इस से किसी को मतलब नहीं है। उक्त बातें शहर के युवा बोल आशीष भारद्वाज ने छठे दिन के "पानी यात्रा" में कहा। मेदिनीनगर में व्याप्त पेयजल संकट के निराकरण हेतु चलाये जा रहे जनजागरण सह हस्ताक्षर अभियान में श्री भारद्वाज ने कहा की लोगो को इस स्तर पर विवश कर दिया गया है की ओ नाले के पानी को पी रहे है और उसी से अपने दिनचर्या का कम भी कर रहे है, सरकारी महकमा को इससे कोई लेना देना नहीं, इनके कष्ट से इसलिए मतलब नहीं है क्यूकी ना ही ये ग़रीब लोग घूस देने में स्मर्थ्य है ना ही इसमें उनका कमीशन होगा। नाले के पानी पीनेवाले लोगो को हज़ार बीमारियाँ होंगी, मौत होगी उसका जिम्मेवार कौन होगा? सचेत हो जाये और व्यवस्था को तुरंत दुरुस्त करें ज़िम्मेवार पदाधिकारी नहीं तो मैं उनसे भिड़ने को तैयार हूँ। हमारे शहर को इनलोगो ने चारागाह बना लिया है, काम कुछ नहीं और माल भर पेट निगलने में लगे है। ये जनता की आवाज है वक़्त रहते सचेत हो जाये ऐसे लोग वरना कई वर्षों का खाया हुआ एक ही बार उलटना पड़ सकता है। ये शहर हमारा है और ऐसे में अगर हमे अपने शहर की पहरेदारी भी करनी पड़ेगी तो उसमे भी हमे कोई गुरेज़ नहीं है। आज छठे दिन के पानी यात्रा में शैलेश तिवारी, मुकेश तिवारी, साहेब जी नामधारी, मधुकर शुक्ला, मनीष तिवारी, अरविंद पांडेय, दीपक प्रसाद ,अमन सिंह, अंकित शुक्ला आरंभ, राजकुमार वर्मन, आकाश विश्वकर्मा, राहुल गुप्ता, गोलू, धीरू, सूरज सिंह, रोशन पाठक, प्रभात सिंह, आशुतोष शुक्ला, संजीव कुमार, अच्युतानंद दूबे, श्याम शुक्ला, संजीत पांडेय, निष्कर कुमार, सोनी देवी, जामुनी देवी, दुखनी देव, विरति देवी, आशा देवी, रबिता देवी, सीता कुंवर उपस्थित रहे।
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