अन्त्योदय व एकात्म मानववाद को तिलांजलि देकर भाजपा ने मनुवाद,मनीवाद व मोदीवाद के पूजारी बी०डी०राम को प्रत्याशी बनाया है : शत्रुघ्न कुमार शत्रु

Dhananjay Tiwari
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झारखण्ड क्रांति मंच के संस्थापक सह केन्द्रीय अध्यक्ष शत्रुघ्न कुमार शत्रु ने आज मेदिनीनगर में प्रेस वार्ता को सम्बोधित करते हुए कहा है कि अन्त्योदय व एकात्म मानववाद को तिलांजलि देकर भाजपा ने मनुवाद, मनीवाद व मोदीवाद के भ्रष्ट पूजारी श्री बी०डी०राम को तीसरी बार प्रत्याशी बनाकर पलामू की जनता का अपमान किया है,जिसका खामियाजा इस बार भूगतान होगा।
             प्रेस को सम्बोधित करते हुए उन्होंने कहा कि पलामू संसदीय क्षेत्र के वर्तमान सांसद व भाजपा द्वारा घोषित बाहरी प्रत्याशी श्री बी०डी० राम को नामांकन से पूर्व पिछले 10 वर्षों के कार्यकाल में खर्च किए गए 50 करोड़ रुपए से ज्यादा सांसद निधि का हिसाब उपयोगिता प्रमाण पत्र के साथ संसदीय क्षेत्र की जनता को शीघ्र देना चाहिए।
                 प्रेस को सम्बोधित करते हुए उन्होंने कहा है कि इलेक्टोरल बाॅण्ड घोटाले के माध्यम से दुनिया की सबसे भ्रष्ट पार्टी बन चुकी भाजपा अब अपने सिद्धांतकारों पंडित दीनदयाल उपाध्याय जी व पंडित श्यामा प्रसाद मुखर्जी जी के चित्र पर माला व विचारों पर ताला के लिए जानी जा रही है। गौरतलब है कि उपाध्याय जी ने जहां समाज के अंतिम व्यक्ति के उदय को लक्ष्य कर अन्त्योदय की परिकल्पना की थी,वहीं मुखर्जी साहब ने एकात्म मानववाद को परिभाषित किया था।आज इसके ठीक विपरीत जाकर भाजपा का शीर्ष नेतृत्व दलित समाज के अंतिम व्यक्ति को दरकिनार कर सबसे भ्रष्ट व्यक्ति जिसका भरोसा रतिभर भी एकात्म मानववाद में नहीं बल्कि एकात्म मनुवाद, मनीवाद  व मोदीवाद में है,वैसे बी०डी०राम को तीसरी बार प्रत्याशी बनाकर जनता के जले पर नमक छिड़कने का कार्य की है,जिसका नकारात्मक रुझान आना शुरू हो गया है।
              वार्ता के अंत में उन्होंने कहा है कि उच्च न्यायालय के अधिवक्ताओं के निर्देश के आलोक में पिछले 8 अप्रैल को सूचना अधिकार अधिनियम 2005 के तहत हमने जिला निर्वाचन पदाधिकारी सह उपायुक्त पलामू को पिछले 2019 में लोकसभा के आम निर्वाचन के नामांकन पत्र में श्री बी०डी०राम द्वारा संलग्न जाति प्रमाण पत्र की अभिप्रमाणित छायाप्रति तत्काल उपलब्ध कराने का आवेदन दिया है,जो अभी तक प्राप्त नहीं हुआ है।जाति प्रमाण पत्र की अभिप्रमाणित छायाप्रति उपलब्ध होने के बाद ही झारखण्ड उच्च न्यायालय में याचिका दाखिल कर दी जाएगी।
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