पलामू, प्रतिनिधि : मेदिनीनगर नगर निगम क्षेत्र में भ्रष्टाचार और लापरवाही की पराकाष्ठा सामने आ रही है। लाखों रुपये की लागत से नई डिज़ाइन की स्ट्रीट लाइटें लगाई जा रही हैं, लेकिन हाल यह है कि खंभे लगते ही धराशायी हो रहे हैं। कई खंभे तो फाउंडेशन समेत उखड़कर गिर गए हैं, जो इस पूरे कार्य की घटिया गुणवत्ता और लापरवाही को उजागर करता है। जनता का टैक्स का पैसा इस तरह पानी में बहाना केवल और केवल भ्रष्टाचार और कमीशनखोरी की देन है।
सबसे शर्मनाक यह है कि जहां पहले से स्ट्रीट लाइटें लगी हुई थीं, वहीं दोबारा नई लाइटें लगाई जा रही हैं। इससे साफ़ जाहिर होता है कि यह परियोजना जनता की सुविधा के लिए नहीं, बल्कि केवल ठेकेदारों और अधिकारियों की जेब भरने के लिए चलाई जा रही है। इस तरह का फिजूलखर्ची और दोहराव यह साबित करता है कि नगर निगम प्रशासन जनता के हित और शहर के विकास की जगह भ्रष्टाचार के महाआडंबर में डूबा हुआ है। जनता को ठगा जा रहा है। शहर के असली मुद्दे—ड्रेनेज सिस्टम, गंदगी, टूटी सड़कें, जलजमाव और सफाई व्यवस्था—सब अधूरे पड़े हैं। बारिश में पूरा शहर जलमग्न हो जाता है, मोहल्लों की नालियां चोक रहती हैं और सड़कों पर गड्ढों के कारण रोज दुर्घटनाएं होती हैं। इन समस्याओं पर ध्यान देने के बजाय नगर निगम जनता के पैसों को दिखावटी और बेकार परियोजनाओं पर लुटा रहा है।
मैं, पूर्व अध्यक्ष नगर परिषद मेदिनीनगर पूनम सिंह, स्पष्ट कहना चाहती हूँ कि यह केवल लापरवाही नहीं बल्कि जनता के साथ विश्वासघात है। नगर निगम प्रशासन जनता को गुमराह कर उनके मेहनत की कमाई से वसूले गए पैसों को लूटने का षड्यंत्र कर रहा है। मैं इस पूरे मामले की तत्काल उच्च स्तरीय जाँच की मांग करती हूँ और यह भी मांग करती हूँ कि दोषी अधिकारियों एवं ठेकेदारों को चिन्हित कर कड़ी कार्रवाई की जाए।
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