निरीक्षण के क्रम में इमरजेंसी वार्ड,इमरजेंसी ड्यूटी में तैनात डॉक्टर,अस्पताल कर्मी,ड्यूटी स्टाफ एवं नर्सो से ड्यूटी के बारे में जानकारी प्राप्त किया। वही रात्रि के समय में कौन-कौन से डॉक्टर इमरजेंसी में रहते हैं इसका रजिस्टर भी चेकअप किया।
श्री तिवारी ने कहा कि शहर का इतना बड़ा अस्पताल केवल मेडिकल स्टूडेंट्स के भरोसे नहीं चल सकता है,रात्रि के समय जिन डॉक्टरों को नियुक्त किया जाता है उनकी ड्यूटी होनी चाहिए। कम से कम दो सीनियर डॉक्टर एक सर्जन और एक फिजिशियन की रात्रि के समय में अनिवार्य रूप से रहे और इसमें किसी भी तरह की कोताही बर्दाश्त नहीं होगी।
सिविल सर्जन तो बदल गए लेकिन अस्पताल परिसर की व्यवस्था और स्वास्थ्य सुविधा की स्थिति वही की वही रह गई है। वहीं अस्पताल अधीक्षक अपने चेंबर तक ही सीमित ना रहे,पूरे अस्पताल परिसर में भी घूम-घूम कर निगरानी करें।
अस्पताल निरीक्षण के क्रम में श्री तिवारी ने कहा कि सरकारी अस्पतालों में ड्यूटी देने वाले डॉक्टर अपने प्राइवेट क्लीनिक के तरह ही इसपर ध्यान दें केवल अपने निजी क्लीनिक में प्रेक्टिस ना करें सरकारी अस्पतालों में भी मन से ड्यूटी दे, चिकित्सा को मानव सेवा समझे व्यवसाय ना बनाएं।
श्री तिवारी ने निरीक्षण के बाद मरीज से मुलाकात कर उनका हाल-चाल जाना। वही पलामू जिला के अन्दर मानक पुरा किए बिना खुले सैकड़ो अस्पतालों एवं जांच कर उनके लाइसेंस को रद्द करें सिविल सर्जन
निरीक्षण के क्रम में नसीम राइन, सोनू अहमद, रितेश तिवारी ,दीपक पांडे, चन्द्रशेखर तिवारी आदि लोग मौजूद थे।
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