वन है तो जीवन और अमन है : अविनाश देव |Environment Day


पलामू : तीन जुलाई से एक सप्ताह के लिए पर्यावरण दिवस मनाया जाता है।इसकी शुरुआत तो पचास के दशक में ही हो गया था किंतु वैश्विक ताप के मद्देनजर विभाग का नाम भी बदला गया और वन पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन विभाग रखा गया। वन के बेतहाशा कटाई से पर्यावरण असंतुलित हुआ और विकास के नाम पर आधारभूत संरचना के निर्माण से जलवायु भी परिवर्तन किया। इन्हीं सब बातों को लेकर हर साल वन महोत्सव मनाया जाता है। इस साल पलामू वन प्रमंडल के द्वारा 76 वाँ वन महोत्सव का आयोजन स्थानीय कचरवा डैम क्षेत्र में वृक्षारोपण किया गया जहां विशिष्ट अतिथि शामिल हुए। स्वच्छता के ब्रांड एंबेसडर होने के नाते नगरनिगम के लोग विशेष तौर पर आमंत्रित किये। मुख्य अतिथि पलामू सांसद बी. डी. राम,उप विकास आयुक्त पलामू,अनुमंडल अधिकारी सदर व छतरपुर वन प्रमंडल पदाधिकारी पलामू के साथ संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलन कर वन महोत्सव को उद्घाटन किए। आज मेरे संत मरियम विद्यालय के बेटियों ने वन पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन पर धारदार बात रखी। साथ में पौधारोपण कार्यक्रम में शामिल हुए। अल्प संबोधन में हमने कहा वन है तब ही जीवन है,वन है तो अमन है। विकास और अत्याधुनिक जीवनशैली के नाम पर आज मानव जीवन नरकीय बनता जा रहा है। धरती पर युद्ध की स्थिति है हम सबको आने वाली नस्लों और पृथ्वी के अस्तित्व के लिए हर आदमी को एक एक पेड़ लगाना चाहिए। तभी अमन के साथ जीवन बचेगा।

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