प्रतिज्ञा यात्रा के पन्द्रहवें दिन झारखण्ड सरकार के पूर्व मंत्री के. एन. त्रिपाठी के द्वारा दिनांक 10 सितम्बर को सिंगरा की पावन भूमि से प्रारम्भ किया गया था जो कि आज यह यात्रा चैनपुर प्रखंड के महुगांवा पंचायत के महुगांवा ग्राम से होते हुए बांसडीह, तीनटोलवा, बनखेता, किनीखुटार, खजुरिया, चढ़नवा, रामगढ़ , पांव पहाड़ी, पिपराही , बरवही,बरांव , उलमान, यादव टोला(बुढिवीर) एवं दलित टोला (बुढिवीर) से होकर गुजरेगी। उपस्थित जनसमूह ने पूर्व मंत्री त्रिपाठी का स्वागत गर्मजोशी के साथ किया गया।
श्री त्रिपाठी ने अपने संबोधन में कहा कि पिछले दस सालों में सैकड़ों लोग प्रतिदिन अनेकों समस्याएं को लेकर मेरे पास आते हैं जैसे मरिज को एम्बुलेंस नहीं मिल रहा है , नौकरी में पैरवी कर दिजिए आदि।जब अल्प अवधि के लिए मंत्री बना था तो पूरे राज्य में महिला स्वयं सहायता समूह को 15-15 हजार रुपए का व्यवसाय हेतु वित्तिय अनुदान दिया था , उसके बाद से उनलोगों को कुछ नहीं मिला है।अभी तक इसमें सफलता प्राप्त नहीं हुआ है और योजना वहीं के वहीं रूका हुआ है।
मुझे नदी -नालों को बांधने का कार्य करना था क्योंकि देश का विकास तभी होगा जब किसान का विकास होगा। पानी का जलस्तर रहेगा तबही किसान पूरे वर्ष धरती से अन्न का उत्पादन कर सकेंगे।जब तक पलामू में नदी नालों को नहीं बाधेंगे तब तक जलस्तर निचे रहेगा। पलामू सुखाड़ एवं अकाल से पीड़ित रहता है। पलामू में एक जगह नहीं 25-25 जगहों पर नदी -नालों को बांधकर लिफ्ट एरिगेशन से टंकी में पानी उपलब्ध कराकर घरों में पेयजलापूर्ति करना होगा।
शहर के अधिकांश इलाकों जैसे हमिदगंज, आबादगंज, बाजार जैसे क्षेत्रों में पानी के समस्या के चलते घर छोड़कर चले जाते हैं।जब तक कोयल नदी पर बियर का निर्माण नहीं होगा तब तक इन समस्याओं का निदान नहीं होगा। कोयल नदी के पानी को रोककर ही पेयजलापूर्ति संभव है ताकि घरों में शुद्ध R.O फिल्टर पानी मिल सकें। शहर में लोगों के पास घर तो है लेकिन उनके पास मालिकाना हक नहीं है क्योंकि वे लिज़ पर रहते हैं। इसलिए उनको मालिकाना हक दिलाना ही होगा।इन सारे कामों को पूरा करने के लिए दृढ़ संकल्प, मजबूत प्रण, वचन वद्ध व शपथ लेना होगा और मैं प्रतिज्ञा बद्ध हूं। पलामू के मिट्टी का ऋण अदायगी के लिए मुझे एक बार विधानसभा के उस गर्भगृह में जाना ही होगा ताकि पलामू का हिस्सा लाकर पलामू का विकास कर सकूं। पलामू का विकास दस वर्षों से अवरूद्ध है और दस वर्ष पिछे चला गया।
उन्होंने कहा कि प्रत्येक बुथ से 10 नवयुवकों को रोजगार देना हमारा पहला प्रतिज्ञा है जिसके लिए संकल्पित व प्रतिबद्ध हूं।
उन्होंने कहा कि हमारा दूसरा प्रतिज्ञा महिलाओं के लिए है जो कि जब मैं ग्रामीण विकास मंत्री था तो महिला स्वयं समूह का गठन किया थाऔर अपने हाथों से सभी समूह को व्यवसाय करने के लिए 15-15 हजार रुपए का चेक वितरित किया था जो आज सिर्फ और सिर्फ लोन देने और लोन भरने के लिए रह गया है। कोई व्यवसाय नहीं हुआ है।मैं महिलाओं से कहना चाहता हूं कि जहां समूह का निर्माण नहीं हुआ है वहां समूह गठित करें और जब मैं विधानसभा में जाउंगा तो प्रत्येक समूह को एक -एक लाख रुपए का वित्तिय सहायता समूह को प्रदान करूंगा जिससे कि उस समूह का व्यवसाय फल फूल सके। जिससे कि उनका परिवार सुखी संपन्न हो सकें।
हमारा तिसरा प्रतिज्ञा है पेयजल की समस्या से निजात दिलाने के लिए है जब मैं मंत्री था तो कोयल नदी को बांधने के लिए डि पी आर तैयार किया ही था कि आदर्श आचार संहिता लग गया और कार्य पूर्ण नहीं हो सका उसके बाद लोग सहानुभूति देकर दूसरा जनप्रतिनिधि चुन लिए और मैं चुनाव हार गया। जहां से मैं काम को छोड़ कर आया उसके बाद एक रत्ती भर विकास कार्य नहीं हुआ।
मेरा चौथा प्रतिज्ञा है कि स्वास्थ्य सुविधा मजबूत है। प्रायः हमेशा उचित स्वास्थ्य चिकित्सा नहीं रहने के कारण डाक्टर परामर्श में मरिजों को रेफर कर दिया जाता है जिससे कि रास्ते में ही मौत हो जाती है।हम प्रतिबद्ध है कि दिल्ली जैसा एक सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल का निर्माण करें जिससे कि मरिज का समुचित इलाज यही हो सकें।दर -दर भटकना ना पड़े।
हमारा पांचवां प्रतिज्ञा है कि पंचायतों में बालू को फ्री करना है।आज बालू का यह हाल हो गया है कि जैसे बोरा में चिनी खरिद रहे हैं।बोरी में भर -भर कर बालू का उठाव कर बेचा जा रहा है। प्राकृतिक संसाधनों जैसे हवा , पानी मैं टैक्स कैसा ये तो प्रकृति से मिला है।बालू भी प्राकृतिक संसाधन हैं।जब मिट्टी का क्षय होता है तो बालू बनता है और बालू तो नदियों में बहता रहता है।
यह यात्रा झारखण्ड के विकास से जुड़े पांच मुख्य मुद्दों पर केंद्रित है, जो युवाओं, महिलाओं, किसानों और समाज के विभिन्न वर्गों के कल्याण से जुड़े हैं। श्री त्रिपाठी ने इन मुद्दों पर जोर देते हुए बताया कि यह यात्रा निम्नलिखित लक्ष्यों पर आधारित है:
1. प्रत्येक बूथ से 10 युवाओं को नौकरी देना।
2. झारखण्ड आजीविका मिशन के तहत महिलाओं के लिए व्यवसाय हेतु 1 लाख रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान करना।
3. किसानों के लिए सिंचाई की उचित व्यवस्था के लिए कोयल, ओरंगा, अमानत और सुकरी नदियों को जलाशयों से जोड़ना।
4. पलामू जिले में सुपर स्पेशलिटी अस्पताल का निर्माण।
5. शहरों और ग्रामीण इलाकों में पेयजल की समस्या का समाधान, खासमहल की जमीन पर मालिकाना हक, और पंचायतों में मुफ्त बालू की व्यवस्था।
यह यात्रा केवल एक राजनीतिक पहल नहीं है, बल्कि डाल्टनगंज विधानसभा के विकास, सामाजिक सुधार और जनहित से जुड़े मुद्दों को लेकर एक गंभीर प्रयास है। श्री त्रिपाठी और उनकी टीम का यह प्रयास झारखण्ड के लोगों के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने की दिशा में एक ठोस व महत्वपूर्ण कदम है।
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