प्रतिनिधि, पलामू : कामेश्वर बैठा हैं पलामू लोकसभा की पहली पसंद, यह बातें बसपा के गढ़वा विधानसभा प्रभारी सह डंडा जिला पार्षद अजय कुमार चौधरी उर्फ अजय मेटल ने प्रेस बयान जारी कर कहा। उन्होंने कहा कि जिस तरह पिछले 10 वर्षों से भाजपा के सांसद श्री विष्णु दयाल राम को मोदी जी के मीठी बातों में आकर पलामू की जनता बी डी राम को सता में लाकर अफसोस कर रही है जिसके बाद से ही भाजपा के अंदर और पूरे पलामू संसदीय क्षेत्र से बीडी राम का पुरजोर विरोध हो रहा है क्योंकि पलामू संसदीय क्षेत्र में चुनाव जीतने के बाद सांसद कभी लोगों के बीच में उपस्थित नहीं रहे और मोदी जी का आम जनमानस से किए हुए वादे जुमला और जनहित में किए जाने वाले कार्य जैसे बेरोजगारी ,पलायन, शिक्षा जैसी गंभीर समस्या पलामू के पानी की किल्लत जिससे किसानों का आय दोगुना करने का वादा सरकारी संस्थाओं के नौकरिया तो मानो भाजपा सरकार में सिर्फ जुमला ही बन कर रह गया।आए दिन भाजपा के नेताओं के साथ-साथ भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी भी मंदिर मस्जिद हिंदू मुस्लिम हिंदुस्तान पाकिस्तान जैसे मीठे सगुफे से ही रैली और सभाओं में काम चला रहे हैं। मंडल डैम अभी तक पूर्ण रूप से चालू नही हो सका जबकि इसी पलामू की धरती पर पिछले लोकसभा चुनाव में पलामू में सिंचाई के लिए जो जल संकट से मुक्ति के लिए मंडल डैम कन्हर परियोजना बेरोजगारी पलायन के वादो पर एक शब्द भी नहीं बोले,क्योंकि बोलने के लिए कुछ था ही नही तो विष्णु दयाल राम एक तो जनता से दूर रहे क्योंकि वह है ही दूर के। और मोदी जी का वादा को लोग जुमला समझने लगे इसलिए पलामू की जनता पलामू संसदीय क्षेत्र के नेता को तलाश रही है जिसमें पहली पसंद पलामू के धरतीपुत्र गरीब गुरबा मजदूर किसानों लाचार असहायो के मसीहा श्री कामेश्वर बैठा है जिन्होंने अपनी पूरी जवानी और अपने जीवन के बहुमूल्य लगभग 28 वर्ष पलामू संसदीय क्षेत्र के एक-एक गांव के वंचितों सोशितो की आवाज,दुख दर्द के साथी बनकर जिया है।दूसरी तरफ महागठबंधन के प्रत्याशी श्रीमती ममता भुइयां जी जो लगभग 6 माह पहले भाजपा के बैनर तले क्षेत्र में पोस्ट और बैनर से अपनी पहचान बनाने की पुरजोर कोशिश की है जिन पर यह आरोप लगता रहा है कि वह भी भाजपा के सदस्य साथ-साथ आरएसएस के कैडर भी है। जिनका पलामू संसदीय क्षेत्र की जनता के लिए कोई योगदान नहीं रहा है ना ही क्षेत्र की जनता को जानती है ना समस्या से जूझी है। जमशेदपुर की महलों से आरक्षित सीट का फायदा उठाने के लिए मोटी रकम के दम पर पलामू की जनता को गुमराह करने में लगी है और तमाम विपक्षी पार्टियों भाजपा को हराने के चक्कर में गैराजनीतिक चेहरा ममता भुइयां को जीताने के लिए पलामू की जनता से अपेक्षित है।लेकिन बी डी राम जो गैर पलामू संसदीय निवासी को जिताकर जो गलती किये है वहीं गलती दुबारा नहीं करेंगे।पलामू की जनता इस बार किसी के झांसे में नहीं आने वाली नही है और सीधे तौर पर पलामू के धरतीपुत्र मजलूमों शोषितों के मसीहा श्री कामेश्वर बैठा को जीताने का मन बना चुकी है क्योंकि इन्हें पहले कार्यकाल में जेल के अंदर और बाहर की समस्या की वजह से लगभग डेढ़ वर्ष से उन्हें कार्य करने का मौका मिला था। जिसमें उन्होंने पलामू की जनता की तरफ से सदन में पुरजोर आवाज उठाने का काम किया था। संघर्ष की उपज कामेश्वर बैठा पलामू के साथ-साथ पूरे झारखंड की पलायन, बेरोजगारी, सिंचाई पानी की समस्या से निजात दिलाने के लिए पुण: पूरे आशा और विश्वास के साथ कदम से कम और कंधे से कंधे मिलाकर पलामू के जनता के साथ चलने के लिए तैयार है।और जिस तरह से लगातार क्षेत्र में जनसंपर्क बढ़े और लोगों के उत्साह व समर्थन से लगता है कि पलामू की जनता सच में इस बार क्षेत्रीय सांसद के रूप में श्री कामेश्वर बैठा को ही दिल्ली भेजने का मन बना चुकी है।
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